

अरहर, ८ - १० क्विंटल/एकड़ की औसत उत्पादकता के साथ पूरे भारत में उगाई जाने वाली एक महत्वपूर्ण दलहन फसल है। उपज में कमी के मुख्य कारणों में से एक फल्ली छेदक है, जिसे बहुत अधिक क्षति होती है इसी वर्ग के कुछ अन्य किट जैसे, हेलिकोवर्पा आर्मिगेरा, फली बेधक मक्खी, धब्बेदार मक्खी, प्लूम मौथ है, अधिक प्रभाव वाली स्तिथि में इसके प्रभाव के कारण १००% तक उपज की हानि हो जाती है। इन फल्ली छेदको में मोथाा सबसे गंभीर और आम कीट है।


फल्ली छेदक में मोथा के आगे के पंखो पर हल्के भूरे रंग के “वी” आकार का धब्बे होता है, और पिछले पंखों पर एक गहरे रंग का बॉर्डर होता है। मदर मोथा पौधों के कोमल भागों पर गोलाकार, पीले रंग के अंडेे देती है।और प्रजनन मिट्टी में होता है, लार्वा पर तिरछी गहरे भूरे रंग की रेखाएं होती है।


भोजन करते समय, लार्वा अपने सिर को फल्ली के अंदर डाल देता है, जिससे उसका शेष शरीर बाहर निकल जाता है। एक अकेला लार्वा परिपक्वता से पहले ३०-४० फल्ली को नष्ट कर देता है, क्षतिग्रस्त फल्ली में लार्वा द्वारा निर्मित छेद देखे जा सकते है, यह कीट अपना जीवन चक्र २८-३५ दिनों में पूरा करता है, और कीट प्रति वर्ष ८ पीढ़ियों को पूरा करता है।

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रोकथाम के उपाए
रोकथाम के उपाए
➥ बुवाई से पहले प्यूपा को बाहर निकालने के लिए गहरी जुताई करें,तेज धूप और प्राकृतिक दुश्मन से प्यूपा नष्ट हो जाते है
➥ ज्वार, बाजरा, और दलहनी फसलों के साथ फसल चक्रण अपनाए ।
➥ सितंबर से जनवरी के महीनों के दौरान नर पतंगों को आकर्षित करने के लिए ३० मीटर की दूरी पर २ -३ प्रति एकड़ की दर से फेरोमोन ट्रैप ( चिपचिपे जाल ) लगाएं, जिससे कीटों की गतिविधि पर नजर रखने में मदद मिलती है। (आर्थिक रूप से १० कीट/जाल/दिन है)।
➥ पेड़ों की सीधी कटी हुई शाखाओं को लगभग ८ शाखाए /एकड़ की दर से चिड़िया के रहने/ बैठने के लिए (६-७ फीट की ऊंचाई) पर खेत में स्थापित करना चाहिए।
➥ २५-५० % फूल आने की अवस्था में, यदि प्रति पौधे २ अंडे या लार्वा दिखाई दें, तो पहले छिड़काव के रूप में मेथोमाइल ५० एसपी जैसे कीटनाशकों का छिड़काव करें।
➥ दूसरे छिड़काव के रूप में ५% नीम के बीज की गिरी के अर्क के साथ करें। यदि नीम के बीज उपलब्ध न हों तो २ मिली प्रति लीटर पानी में मिश्रण बना कर नीम आधारित कीटनाशक का प्रयोग करें।
➥ तीसरे छिड़काव के लिए फल्ली छेदक (एचएएनपीवी) १०० लार्वा लगभग /एकड़ होने पर (०.७५ मिली/लीटर पानी) के लिए न्यूक्लियर पॉलीहेड्रोसिस वायरस के साथ २५० ग्राम रॉबिन ब्लू पाउडर + १२५० ग्राम गुड़ के साथ मिश्रण बना कर सुबह या शाम के समय छिड़काव करना बेहतर होता है।
➥ चौथे छिड़काव के लिए अनुशंसित मात्रा में इंडोक्साकार्ब १४.५ एससी या स्पिनोसैड ४५ एससी या नोवोलूरॉन १० ईसी जैसे कीटनाशकों का उपयोग किया जा सकता हैं।
➥ यदि आवश्यक हो, तो अनुशंसित मात्रा में पांचवे छिड़काव के रूप में अल्फामेथ्रिन १० ईसी या फेनवालेवेट २० ईसी का उपयोग किया जा सकता हैं।
➥ प्रतिरोध विकास को रोकने के लिए वैकल्पिक रूप से कीटनाशकों का प्रयोग करें।
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