

आप की फसल में किन उर्वरक की आवश्यकता है, यह जाने के दो आसान तरीके है, एक मिट्टी परीक्षण के द्वारा और दूसरा पत्तियों के डंठल द्वारा।


मृदा परीक्षण का महत्व
मृदा परीक्षण का महत्व
मिट्टी परीक्षण के द्वारा फसल के लिए उर्वरक की उचित मात्रा को जाने में मदत मिलती है, क्युकी कई उर्वरक पहले से ही मिट्टी में मौजूद होते हैं, मिट्टी परीक्षण द्वारा मिट्टी में उर्वरक के उपयोग और किसी विशेष क्षेत्र में हो रही समस्या को जानने और उसके निवारण में सहायक होता हैं।


मृदा परीक्षण करने का सर्वोत्तम समय
मृदा परीक्षण करने का सर्वोत्तम समय
मिट्टी परीक्षण के सटीक परिणाम मिले इसलिए मिट्टी का नमूने एकत्र करने की तकनीक सही होना चाहिए, क्युकि परिणाम समय के अनुसार भिन्न हो सकते है इसलिए हर वर्ष एक ही समय पर मिट्टी परीक्षण करना चाहिए, इस समय अधिकांश किसान मिट्टी परीक्षण की योजना बना रहे है, वैसे मिट्टी परीक्षण के लिए फसल कटाने के बाद या नई फसल की बुवाई के पहले का समय श्रेष्ट होता हैं, समयान्तः अधिकांश फसलों के लिए मिट्टी परीक्षण हर 2-3 साल में किया जाना चाहिए।


मिट्टी का नमूना लेना
मिट्टी का नमूना लेना
➥ मिट्टी के नमूने पूरे क्षेत्र से अनियमित रूप से एकत्रित करें, मिट्टी के नमूने आड़े तिरछे स्वरूप में एकत्रित करना चाहिए।
➥ मिट्टी के नमूने 20 अलग क्षेत्रों से इकट्ठे किए जाने चाहिए।
➥ मिट्टी परीक्षण के लिए नमूने 15 से 20 से. मी. की गहराई में से एकत्रित करना चाहिए।
➥ नमूने स्वच्छ प्लास्टिक की बाल्टी में रखे और संयंत्र सामग्री, में से पत्थर के टुकड़ो को हटा दें, मिट्टी के ढेलो को तोड़ दें, और मिट्टी के नमूने को अच्छी तरह से मिला दे।


➥ यदि नमूना गीला है, तो मिश्रित करने से पहले इसे सूखा लेना चाहिए।
➥ मिश्रित नमूना मात्रा में लगभग 2 कप होना चाहिए।
➥ मिट्टी के नमूने के बॉक्स पर अपना पता, जमीन नंबर और नमूने का नम्बर लिख कर रखना चाहिए।
➥ नमूना जमा करने के लिए फॉर्म भरें, और उर्वरक की सिफारिश प्राप्त करने के लिए फार्म के पीछे फसल का नाम चुनें।


पत्ती के डंठल द्वारा जांच
पत्ती के डंठल द्वारा जांच
स्थायित्व फसल और बागवानी फसले जैसे अंगूर की पत्ती के डंठल से मिट्टी में पोषक तत्वों की स्तिथि का पता किया जा सकता हैं।


पत्ती के डंठल से जांच के चरण
पत्ती के डंठल से जांच के चरण
➥ पत्ती के डंठल से, पोषक पदार्थ की स्थिति जानने के लिए क्षेत्र के अलग अलग भागो से कम से कम पत्ती के १५ नमूने एकत्र करना चाहिए|
➥ जिस क्षेत्र में मिट्टी की जांच करना है, वहां से कम से कम २५ या उसे अधिक पत्ती के डंठल एकत्रित करना चाहिए।
➥ नमूने एकत्रित करने के लिए परिपक्व पत्तियों का चयन करें , और हाल ही में परिपक्व हुई पत्तियों को शामिल करें।
➥ धूल भरे क्षेत्र से, नमूने एकत्रित करने से बचना चाहिए।
➥ पर्ण उर्वरक के उपयोग के तुरंत बाद पत्ती के नमूने एकत्र नहीं करना चाहिए।
➥ पत्तियों और डंठल के नमूनों को कागज के बेग में रख कर, जांच फॉर्म के साथ प्रयोगशाला में जमा करना चाहिए।
➥ प्लास्टिक बैग या अन्य एयरटाइट कंटेनर का इस्तेमाल न करें।


इस कार्य के अलावा, किसान भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही योजना मृदा हेलथ कार्ड के द्वारा भी विभिन्न फसलों की पोषक आवश्यकताओं की जांच कर सकते हैं, इस योजना में गांव अनुसार मृदा सम्बंधित जानकारी एकत्र की जाती है, अधिक जानकारी के https://www.soilhealth.dac.gov.in/ इस वेब साइड पर जाये।
इस लेख को पढ़ने के लिए धन्यवाद, हमें उम्मीद है कि आप लेख को पसंद करने के लिए ♡ के आइकन पर क्लिक करेंगे और लेख को अपने दोस्तों और परिवार के साथ भी साझा करेंगे!