

1. नाइट्रोजन की कमी
- नाइट्रोजन की कमी
निचली पुरानी पत्तियाँ पीली या पीले-हरे रंग की हो जाती हैं। मलिनकिरण पत्ती की नोक से शुरू होकर पत्ती के आधार तक फैलता है। पौधे मुरझा सकते हैं।



प्रबंधन
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• नाइट्रोजन की कमी को तुरंत दूर करने के लिए २% यूरिया घोल ( २० ग्राम यूरिया/लीटर पानी) का छिड़काव करें।
• यूरिया जैसे नाइट्रोजन युक्त उर्वरक मिट्टी में नाइट्रोजन की कमी का स्थायी रूप से समाधान देते है ।
2. पोटैशियम की कमी
- पोटैशियम की कमी
कमी के लक्षण पुरानी पत्तियों से शुरू होते हैं, और युवा पत्तियों पर दिखाई देते हैं, कमी अधिक गंभीर होने पर पत्तियों के किनारे पीले और भूरे रंग के हो जाते हैं।


प्रबंधन
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• तत्काल समाधान के लिए १ किग्रा/ एकड़ की दर से १% पोटेशियम क्लोराइड का घोल या १% एनपीके (०० :०० :६२ ) का घोल बनाकर (१० ग्राम/लीटर ) छिड़काव करें।
• म्यूरेट ऑफ पोटाश (एमओपी) का मिट्टी में छिड़काव करने से पोटैशियम की कमी के लक्षणों से स्थायी रूप से समाधान हो जाता है।
3. फास्फोरस की कमी
- फास्फोरस की कमी


फॉस्फोरस की कमी के कारण पत्ती के किनारे, शिराएं और डंठल हल्के हरे रंग के दिखाई देते हैं, और धीरे-धीरे बढ़ते हैं। पत्तियों का निचला भाग अंतः लाल-बैंगनी हो जाता है, फॉस्फोरस की कमी से पुराने पत्ते पहले प्रभावित होते हैं।


प्रबंधन
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• तत्काल समाधान के लिए २% डीएपी का घोल बनाये, जिस लिए २ किलो डीएपी को २४ घंटे के लिए प्लास्टिक के कंटेनर में पानी में भिगो दे, और २४ घंटे के बाद इस डीएपी मिश्रण को मलमल के कपड़े या नायलॉन की जाली से छानकर मिट्टी या प्लास्टिक के बर्तन में इकट्ठा कर ले, फिर इसे १०० लीटर पानी में मिलाकर इस घोल का छिड़काव करें।
• फॉस्फोरस की कमी का डीएपी उर्वरक के उपयोग से स्थाई समाधान मिलता है।


4. ज़िंक की कमी
- ज़िंक की कमी


ज़िंक की कमी के कारण ऊपरी पत्तियों पीली दिखाई देती हैं, मध्य पत्ती की शिराएं और पत्ती के किनारे हरे दिखाई देते हैं, और पुराने पत्ते नारंगी-भूरे रंग के दिखाई देते हैं।


प्रबंधन
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• तत्काल समाधान के लिए ३०० ग्राम/ एकड़ की दर से ०.५% जिंक सल्फेट (५ ग्राम/लीटर) या चेलेटेड जिंक ३३% का छिड़काव करें।
• १० किलोग्राम प्रति एकड़ उपयोग करने से ज़िंक की कमी का स्थायी समाधान होता है।


5. बोरान की कमी
- बोरान की कमी
बोरोन की कमी से इंटर-नोड्स छोटी रह जाती है, और पौधे का विकास रुक जाता है, बोरॉन की कमी से परागण भी ठीक से नहीं होता और उपज भी कम हो जाती है।


प्रबंधन
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• तत्काल समाधान के लिए ०.२५ % बोरेक्स ( २. ५ ग्राम/लीटर पानी) का छिड़काव करें, और १५ दिनों के अंतराल से छिड़काव दोहराएं।
• बोरॉन की कमी को दूर करने के लिए बोरॉन युक्त सूक्ष्म पोषक तत्वों का मिट्टी में इस्तेमाल करने से स्थाई समाधान प्राप्त होता है।


6. कैल्शियम की कमी
- कैल्शियम की कमी
कैल्शियम की कमी के कारण, अंतःस्रावी क्लोरोसिस और पत्ती के किनारे गलने लगते है,जो अंततः मर जाते हैं। टमाटर जैसी फसलों में यह फल फूल में सड़ांध का कारण बनता है। कैल्शियम की कमी से फलो पर चमड़े की तरह दिखने वाले धब्बे दिखते है, और फूल गिर जाते है।


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प्रबंधन
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• तत्काल समाधान के लिए कैल्शियम नाइट्रेट ५ ग्राम/लीटर का छिड़काव करें, और १५ दिनों के अंतराल पर दोहराएं।
• कैल्शियम नाइट्रेट १० किलोग्राम प्रति एकड़ मिट्टी में डालने से कैल्शियम की आवश्यकता को पूरा करने में मदद मिलेगी। कैल्शियम नाइट्रेट को अन्य उर्वरकों के साथ उपयोग नहीं करना चाहिए।


7. लोहे की कमी
- लोहे की कमी
लोहे की कमी के कारण प्रारंभिक अवस्था में पौधे के पत्ते हरे रंग की शिराएं के साथ दिखाई देते हैं। जब कमी गंभीर हो जाती है, तो शिराएं पीली हो जाती हैं, और पौधे की वृद्धि रुक जाती है।


प्रबंधन
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• तत्काल समाधान के लिए फेरस सल्फेट ५ ग्राम/लीटर का छिड़काव करें, और १५ दिनों के अंतराल पर पुनः उपयोग करें, या १५० लीटर पानी में चेलेटेड फेरस १२%, १५० ग्राम प्रति एकड़ का छिड़काव करें।
• लोहे की कमी का फेरस सल्फेट १२ किग्रा प्रति एकड़ मिट्टी में डालने से स्थायी समाधान मिलता है।


8. सल्फर की कमी
- सल्फर की कमी
सल्फर की कमी के कारण पुराने पत्ते हल्के हरे रंग के हो जाते हैं, तने और डंठल बैंगनी हो सकते हैं, और नुकीले हो सकते हैं।


9. मैंगनीज की कमी
- मैंगनीज की कमी
मैंगनीज की कमी के कारण पुरानी या छोटी पत्तियों पर पानी से भरे धब्बे दिखाई देते है, और फलो का विकास भी प्रभावित होता है।




10. मैगनीशियम की कमी
- मैगनीशियम की कमी
मैगनीशियम की कमी से पत्तियो की अंतःशिरा क्लोरोसिस विकसित करती हैं, जो पुराने से शुरू होकर छोटी पत्तियों तक बढ़ती हैं। पत्ती की मध्य शिरा हरी रहती है, जबकि अंतःशिरा ऊतक परिगलित हो जाता है।




11. कॉपर की कमी
- कॉपर की कमी
कॉपर की कमी से शुरुआत में, छोटी पत्तियां मुरझा जाती हैं, और फिर नीले-हरे रंग की हो सकती हैं और ऊपर की ओर मुड़ जाती है, गंभीर रूप से प्रभावित पौधे रूखे और क्लोरोफिल रहित हो जाती हैं।


सल्फर, मैंगनीज, मैग्नीशियम, और कॉपर प्रबंधन
सल्फर, मैंगनीज, मैग्नीशियम, और कॉपर प्रबंधन
• जिंक, मैग्नीशियम, कैल्शियम, सल्फर, आयरन, कॉपर, बोरॉन, और मोलिब्डेनम जैसे सभी आवश्यक पोषक तत्वों की कमी को दुर करने के लिए जिंक, मैग्नीशियम, कैल्शियम, सल्फर, आयरन, कॉपर, बोरॉन, और मोलिब्डेनम से युक्त सूक्ष्म पोषक तत्व के मिश्रण का छिड़काव करें।


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