

मिट्टी का नमूना लेने का सबसे अच्छा समय है - बुवाई या रोपने से पहले। क्योंकि कई क्षेत्रों में कोई फसल नहीं होता है, इसलिए मिट्टी की जांच करने के लिए और अपनी मिट्टी के लिए पोषक तत्वों की आवश्यकता का पता लगाने के लिए, मौसम से पहले यह सही समय होता है। मिट्टी का नमूना, खेत का सच्चा प्रतिनिधि या जांच के अधीन खेत का हिस्सा होना चाहिए। मिट्टी का नमूना लेने के लिए, 1-2 सेमी व्यास वाला विशेष बरमा सुविधाजनक होता है, लेकिन छोए कुदालों का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। किसी भी मामले में, वांछित नमूने वाली गहराई के ऊपरी भाग से निचले भाग तक मिट्टी का एकसमान टुकड़ा लेना चाहिए। उचित नमूना गहराई लगभग 6 से 7 इंच अर्थात् 1 फीट होती है जिसे बस ऊपरी सतह को साफ़ करके और 50-100 ग्राम बगल के ढेले को संग्रह करके लेना चाहिए। 1 एकड़ क्षेत्र से 20 पॉइंट लेकर उसे अच्छी मिलाकर 500 ग्राम का प्रतिनिधि नमूना तैयार करना चाहिए। इन सभी नमूनों को एक बाल्टी में संग्रह करना चाहिए। क्वार्टरिंग या कम्पार्टमेंटलाइजेशन द्वारा इस ढेर को लगभग आधे से एक किलो तक कम कर लें।


क्वार्टरिंग, अच्छी तरह मिक्स किए गए नमूने को चार बराबर भागों में बांटकर किया जाता है। दो विपरीत क्वार्टरों या चौथाई हिस्सों को फेंक दिया जाता है और शेष दो क्वार्टरों को फिर से मिक्स किया जाता है और इस प्रक्रिया को तब तक दोहराया जाता है जब तक वांछित आकार में नमूना प्राप्त नहीं हो जाता। कम्पार्टमेंटलाइजेशन, मिट्टी को एक साफ़ कठोर सतह पर एक समान रूप से फैलाकर और लम्बाई और चौड़ाई की तरफ से लाइनें खींचकर छोटे-छोटे कम्पार्टमेंट में बांटकर किया जाता है। प्रत्येक कम्पार्टमेंट में से एक चुटकी मिट्टी संग्रह किया जाता है। इस प्रक्रिया को तब तक दोहराया जाता है जब तक वांछित परिमाण में नमूना प्राप्त नहीं हो जाता। नमूने को एक साफ़ कपड़े के थैले में संग्रह करें। नमूनों को पत्तियों और पताकाओं के साथ दूषित होने न दें। प्रत्येक नमूने पर एक लेबल लगा होना चाहिए जिस पर खेत की पहचान, किसान का नाम और पता, पिछली फसलें, और उस फसल का ब्यौरा होना चाहिए जिसके लिए पोषक तत्व सम्बन्धी सुझाव चाहिए। संग्रह किए गए मिट्टी के नमूने को विश्लेषण के लिए सॉयल टेस्टिंग लैब में भेजना होता है।



