

हाल ही के कुछ वर्षो में अंगूर की खेती की मांग काफी बढ़ रही हैं, चुकि अंगूर का इस्तेमाल किशमिश बनाने, वाइन बनाने के लिए व्यापक तोर पर किया जा रहा हैं।
अंगूर की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु
अंगूर की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु

अगर आप खेत में फसल कलम से लगाना चाहते हैं तो सितम्बर से अक्टूबर के बिच और रूटस्टॉक्स विधि के लिए फरवरी से मार्च का समय सबसे उपयुक्त होता हैं।


अंगूर की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी
अंगूर की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी
वैसे तो, अंगूर की खेती विभिन्न प्रकार की मिट्टी में की जाती है, लेकिन अच्छी जल निकास वाली चिकनी बलुई रेतीली मिट्टी जिसमे अच्छी कार्बनिक पदार्थ की मात्रा हो खेती के लिए उपयुक्त होती हैं, अच्छी उपज के लिए बुवाई के पहले खेत में कार्बनिक पदार्थ की मात्रा सुनिश्चित कर लेना चाहिए, क्षारीय और ऐसी भूमि जिसमे जल निकास अच्छा ना हो ऐसी मिट्टी में खेती नहीं करना चाहिए।


निर्यात की जाने वाली कुछ प्रसिद्ध किस्मे
निर्यात की जाने वाली कुछ प्रसिद्ध किस्मे
➥ ग्रीन सीडलेस: थॉम्पसन सीडलेस, टैस-ए-गणेश, सोनाका, ए 17/3
➥कलर्ड सीडलेस: फ्लेम सीडलेस, शरद सीडलेस, फैंटेसी सीडलेस
निर्यात के लिए नई संभावित विविधताएं
निर्यात के लिए नई संभावित विविधताएं
➥ हरा बीज: इटालिया
➥ कलर्ड बीज: लाल ग्लोब


रोपण से पहले किये जाने वाले कार्य
रोपण से पहले किये जाने वाले कार्य
भूमि की तैयारी
भूमि की तैयारी
रोपण करने से पहले खेत से कांटेदार झाड़ियों को निकाल देना चाहिए, और ट्रैक्टर चला कर खेत को समतल कर देना चाहिए। जिस समय खेत में फसल ना हो उसी समय दुब घास, सागरमोथा जैसे खतरनाक खरपतवार को नियंत्रित कर लेना चाहिये, इसलिए ग्लाइकोफास्फेट जैसे खरपतवार नाशक का १० से १५ मिली /पानी में मिलाकर छिड़काव करना चाहिए।


मंडप निर्माण
मंडप निर्माण
अंगूर की फसल का रोपण और मंडप निर्माण एक स्थाई संरचना होती है, इसलिए निर्माण सही होना चाहिए, बेल की वृद्धि के दौरान सूर्य प्रकाश बहुत महत्पूर्ण होता है, इसलिए रोपण उत्तर से दक्षिण दिशा में किया जाना चाहिए। जिसे सम्पूर्ण पौधे को समान रूप से प्रकाश मिले, इस प्रकार से रोपण करने पर यह पौधे और फल के गुच्छो को तेज सूर्य प्रकाश से होने वाली हानि से भी बचाता है।
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गड्डा खोदना
गड्डा खोदना
खेत में २.५ * २.५ इंच के गड्डे हाथो से या मशीन जैसे ट्रैक्टर या जेसीबी द्वारा खोदे, और मिट्टी को कोनो पर १५ -२० दिनों के लिए रहने दे, जिसे मिट्टी को अच्छे से धुप लग सके , यह कार्य नवम्बर माह में किया जाना चाहिए।
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गड्ढे भरना और सतह को समतल करना
गड्ढे भरना और सतह को समतल करना
खेत में बनाए गए गड्ढों को भरने के लिए पहले उसी मिट्टि का उपयोग करें, उसके पश्यात प्रति गड्ढे/ एक गमला गोबर खाद का उपयोग करें, खाद के शीघ्र अपघटन के लिए सिंगल सुपर फास्फेट का उपयोग करें।


टपक सिंचाई का उपयोग
टपक सिंचाई का उपयोग
खेत में कलम या गुट्टी (रूटस्टॉक) लगाने से पहले टपक सिचाई प्रणाली स्थापित करें, प्रत्येक गड्डे में एक नोजल लगाए, उसके बाद पौधे पंक्ति में लगाए, चूकि यह प्रणाली काफी अधिक समय तक स्थाई रहती हैं , इसलिए उचित व्यवस्था करना अच्छा होता है।




कलम(गुट्टी) लगाना
कलम(गुट्टी) लगाना
अनुवांशिक रोगों से बचाव के लिए कलम (रूटस्टॉक) या पौधे विश्वसनीय नर्सरी से ही लेना चाहिए, कलम लगाने हेतु फरवरी से मार्च का समय सब से उचित होता हैं, रस्सी की सहायता से उचित दुरी पर निशान बनाए और १ से ३ फिट गहरा गड्ढा बनाये, रोपण के लिए ऐसी कलम का चयन करे,जिसमे ३ से ४ गठाने हो, फिर इस गड्ढे को रेत, गोबर खाद और मिट्टी से भर दें, मिट्टी के साथ कीटनाशक का उपयोग करें, जो कलम को गर्मी के मौसम में दीमक से बचाता हैं।


रूटस्टॉक और बीमारीयो से फसल की देखभाल कैसे करें, ये हम अगले भाग में साझा करेंगे, कृपया प्रतीक्षा करें।
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