पीछे
विशेषज्ञ लेख
टमाटर का टुटा एबसोलिऊटा रोग

नया साल टमाटर की खेती करने वालों के लिए एक नई चुनौती लेकर आया है, टमाटर की पत्तीयो पर लीफ माइनर (टी. एब्सोल्यूटा); एक विनाशकारी कीट है, इस कीट को दुनिया भर में टमाटर उत्पादन के लिए सबसे गंभीर खतरे के रूप में सामने आया है। यह आक्रामक प्रजाति है जो टमाटर उत्पादक को बड़ा आर्थिक नुकसान पहुंचा सकती है। यह कीट दक्षिण अमेरिका से यूरोप, पूरे अफ्रीका के कई हिस्सों में फैल गया है और अब भारत में भी फैल गया है।

टी. एब्सोल्यूटा के पहली बार संक्रमण की जानकारी भारत के महाराष्ट्र (2014) राज्य मिली थी और तब से, यह कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्रा प्रदेश, तेलंगाना सहित अन्य पड़ोसी राज्यों में तेजी से फैल गया है। लेकिन अब यह भारत में उत्तरी और उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों में भी फ़ैल गया है, लेकिन फसल की शुरावती समय से ही इस किट की उपस्तिथि चिंताजनक होती है। भारतवर्ष में रोग के फ़ैलने के सम्बन्ध में सटीक भविष्यवाणी करना बहुत मुश्किल है, हालाँकि इसके प्रसार के कुछ संभावित कारणों में, कुछ राज्यों से कृषि वस्तुओं की अप्रतिबंधित आयत और तेज हवाओ के कारण कीट का फैलाव होता है। इस कीट को अलग-अलग आम नामों से जाना जाता है जैसे टमाटर लीफमाइनर, पिन वर्म, टोमेटो मोथ आदि नामो से भी जाना जाता है।

लार्वा टमाटर के पौधों को खाते हैं, पत्तियों में बड़ी धारिया बनाते हैं, डंठलों में छेद बनाते हैं, और नई कलियों के साथ-साथ फलों को भी खाते हैं। लार्वा पत्तियों के ऊतको को खाते है, जिसे अनियमित पत्ती का निर्माण होता है, जो बाद में परिगलित हो जाती है। यह लार्वा आने वाले चरण में फलों को सड़ने के लिए रोग ज़नक़ों के आक्रमण के लिए क्षेत्र खुला छोड़ देते है, जिसे 20-30% तक उपज की हानि होती है, और समय पर नियंत्रण उपाय नहीं किए जाने पर सभी विकास चरणों के दौरान टमाटर के पौधों को नष्ट कर सकता है।

टुटा एब्सोल्यूटा का जीवन चक्र

टुटा एब्सोल्यूटा का जीवन चक्र

undefined

• अंडे अंडाकार-बेलनाकार होते हैं, आमतौर पर पत्तियों, कलियों, तनों और कच्चे फलों के बाह्यदल के नीचे रखे जाते हैं

–> अंडो की स्थिति:

• पत्ते पर -73%

• तने और शिराओं पर - 21%

• फूल की पँखड़ी पर - 5%

• फलो पर - 1%

undefined
undefined

लार्वा

• लार्वा ४ चरण में होता हैं।

• शुरुआती समय में यह सफेद या क्रीम रंग के काले सिर के वाले होते हैं,जो बाद में गुलाबी या हरे रंग में बदल जाते हैं।

• पूरी तरह से विकसित लार्वा एक रेशमी धागे के साथ जमीन पर गिर जाते हैं,और मिट्टी में गिर कर प्यूपा बन जाते हैं।

undefined
undefined

प्यूपा

प्यूपा

• प्यूपा भूरे रंग के लगभग 6 मिमी लंबे होते हैं।

• प्यूपा मिट्टी में या पौधे के हिस्सों जैसे सूखे पत्तों और तनो पर भी रहते है।

undefined
undefined

वयस्क किट

वयस्क किट

• मादा किट का जीवन समय १०-१५ दिन होता है

• नर किट का जीवन समय ६-७ दिन होता है

• वयस्क किट छोटे होते हैं

• शरीर की लंबाई ७ मिमी तक होती है

• रंग भूरा या सिल्वर होते हैं

• पंखों पर काले धब्बे होते हैं

undefined
undefined

जीवन चक्र

जीवन चक्र

• इसकी प्रति वर्ष १० -१२ पीढ़ियों तक उच्च प्रजनन क्षमता होती है,

• अनुकूल पर्यावरणीय परिस्थितियों के आधार पर प्रति पीढ़ी २४-७६ दिनों की जीवन अवधि होती है।

• ७६ दिन - १४०°C

undefined

मेजबान पौधे

मेजबान पौधे

टमाटर के अलावा, अन्य सोलानेसियस फसलों पर भी टुटा के आक्रमण की जानकारी मिली थी। जिसमे आलू, बैंगन, मिर्च, तम्बाकू और खरपतवार शामिल है।

टुटा एब्सोल्यूटा प्रबंधन:

टुटा एब्सोल्यूटा प्रबंधन:

हालांकि इस कीट का प्रबंधन करना मुश्किल है, एकीकृत हानिकारक कीट प्रबंधन (आईपीएम) सलाहों का पालन करके इसे अच्छी तरह से प्रबंधित किया जा सकता है।

• गैर-सोलनेसियस फसलों के साथ फसल चक्रीकरण अपनाए (अधिमानतः क्रूसीफेरस)

• संक्रमित पौधों को हटाने और कटाई के बाद पौधों के मलबे और फलों के अवशेष को पूरी तरह से नष्ट कर देने से जीवन चक्र में कटौती होगी जहां जनसंख्या कम हो सकती है।

• पत्ती के अंदर प्यूपा से इल्ली बनने और अंडे देने से पहले संक्रमित पत्तियों को हटा दे।

undefined
undefined

• टुटा एब्सोल्यूटा की उपस्थिति का पता लगाने के लिए फेरोमोन ट्रैप 4/1000 एम2 का उपयोग एक विश्वसनीय तरीका है। इसका उपयोग न केवल कीट का पता लगाने में सहायक हो सकता है बल्कि इसके उसके जीवन चक्र को बिगाड़ कर कीट आबादी को नियंत्रित करने में भी सहायक हो सकता है।

• बेसिलस थुरिंजिएन्सिस, ब्यूवेरिया बेसियाना, और मेथेरिज़ियम एनिसोप्लिए जैसे जैव कीटनाशकों के प्रयोग से भी टुटा की आबादी को कम करने में मदद मिलेगी।

• एक बल्ब/१५० वर्ग मीटर + ४ फेरोमोन जाल/१००० वर्ग मीटर की दर से इस्तेमाल करे बल्बों का प्रकाश जाल के रूप में अधिक उपयोग और प्रभावी पाया गया है।

• वायेगो ८० मिली/एकड़ + मोवेंटो ओडी २०० मिली/एकड़ का छिड़काव अधिक प्रभावी होगा। यदि आवश्यक हो तो ७-१० दिनों के बाद दोबारा उपयोग किया जा सकता है।

• हमारे परीक्षणों में, वायेगो 80 मिली + मोवेंटो ओडी 200 मिली ने बेहतर प्रभावकारिता दिखाई है ।

undefined
undefined

इस लेख को पढ़ने के लिए धन्यवाद, हमें उम्मीद है कि आप लेख को पसंद करने के लिए ♡ के आइकन पर क्लिक करेंगे और लेख को अपने दोस्तों और परिवार के साथ भी साझा करेंगे!

हमारा मोबाइल ऐप डाउनलोड करें

चलते-फिरते फ़ार्म:हमारे ऐप के साथ कभी भी, कहीं भी वास्तविक बाजार की जानकारी पाए , वो भी अपनी भाषा में।।

google play button
app_download
stars अन्य मुफ्त सुविधाएँ stars
अभी ऐप डाउनलोड करें