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सरकारी योजनाएं
Govt. Scheme
स्वामिता योजना

स्वामिता योजना का उद्देश्य गाँवों में भूमि का संपत्ति स्वामित्व रिकॉर्ड (सरकारी अभिलेख) बनाना और ग्रामीण आबादी को अधिकार प्रदान करना है, जो कि आधिकारिक दस्तावेजों के साथ भूमि के मालिकाना हक की पुष्टि करता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को नई दिल्ली में पंचायती राज दिवस के अवसर पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ( वीडियो सभा ) के माध्यम से देश भर के सरपंचों से बातचीत करते हैं।

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को ड्रोन के उपयोग की तरह आधुनिक तकनीक का उपयोग कर ग्रामीण क्षेत्र में आवासीय भूमि के स्वामित्व का नक्शा बनाने के लिए ’’ स्वामी योजना ’’ शुरू की। भारत में संपत्ति रिकॉर्ड (लेखा जोखा, विवरण ) रखने के उद्देश्य से यह योजना प्रधान मंत्री द्वारा पंचायती राज दिवस पर शुरू की गई थी, जिसने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ( वीडियो सभा ) के माध्यम से देश भर में ग्राम पंचायतों के सदस्यों के साथ बातचीत की। अधिक जानकारी के लिए और पढ़े 1 आधुनिक योजना का उपयोग ग्रामीण क्षेत्रों में आधुनिक तकनीक का उपयोग करके भूमि के स्वामित्व का रिकॉर्ड (लेखा जोखा ) बनाना है। 2. इस योजना को केंद्र सरकार ने २४ अप्रैल २०२० को पंचायती राज दिवस के दिन शुरू किया है, जो पंचायती राज मंत्रालय द्वारा संचालित की जाएगी। 3.इस योजना की आवश्यकता तब महसूस की गई जब ग्रामीण क्षेत्रों में कई ग्रामीणों के पास अपनी भूमि के स्वामित्व को साबित करने वाले कागजात नहीं हैं। ज्यादातर राज्यों में, गांवों में आबादी वाले क्षेत्रों का सर्वेक्षण और माप, संपत्तियों के सत्यापन के उद्देश्य से नहीं किया गया है। 4. स्वाम्य योजना का उद्देश्य गांवों में लोगों को मालिकाना हक प्रदान करना हैं, ग्रामीण इलाकों में संपत्ति के अधिकार के मामलों को निपटाने, सशक्तिकरण करने और मालिकाना हक प्रदान करने के लिए एक सशक्त माध्यम बनने की संभावना है, यह संपत्तियों पर होने वाले विवाद को कम कर सामाजिक संघर्ष को भी कम करेगा। 5. गांवों में आवासीय भूमि का गैर-विवादित रिकॉर्ड बनाने के लिए ड्रोन का उपयोग करके मापा जाएगा। यह भूमि के सर्वेक्षण और मापन के लिए नवीनतम तकनीक है। ६ । इस योजना का संचालन केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय, भारतीय सर्वेक्षण विभाग, पंचायती राज विभागों और विभिन्न राज्यों के राजस्व विभागों के साथ निकटतम समन्वय के साथ किया जाएगा। 7. ड्रोन द्वारा एक गाँव की भौगोलिक सीमा में आने वाली हर संपत्ति का एक डिजिटल (आधुनिक) नक्शा तैयार करेंगे और हर राजस्व क्षेत्र की सीमाओं का सीमांकन किया जाएगा। 8. ड्रोन की सहायता से बने नक़्शे के द्वारा सटीक मापों का उपयोग करके राज्यों द्वारा गांव में प्रत्येक संपत्ति के लिए सम्पति पत्र तैयार किया जाएगा। ये पत्र संपत्ति मालिकों को दिए जाएंगे जो भूमि राजस्व विभाग द्वारा मान्यता प्राप्त होंगे। 9. इस आधिकारिक दस्तावेज के माध्यम से ग्रामीणों अपनी सम्पति का उपयोग बैंक संबधित कार्यो में कर सकेंगे। 10. पंचायत स्तर पर भी गाँव के लिए संपत्ति का विवरण रखा जाएगा, जिससे सम्पति मालिकों से जुड़े करो (टेक्स ) संगृहीत करने में मदत मिलेगी और इन स्थानीय करों (टेक्स) से गांवो की जरूरतों और सुविधाओं को प्रदान करने में किया जाएगा। 11. इस योजना से विवादों में घिरी भूमि और आवासीय संपत्तियों से जुड़े विवाद समाप्त हो जाएगे जिसे सम्पति का बाजार मूल्य बढ़ने की भी संभावना अधिक होंगी। 12. सही संपत्ति विवरण का उपयोग कर संग्रह के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है, नई इमारतो के निर्माण और नई योजना से सम्बंधित परमिट ( लाइंसेंस ) जारी करना, और संपत्ति हथियाने के मामलों को भी कम करेगा।

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